ॐ हिंगुले परम हिंगुले,अमृत-रूपिणि।
तनु शक्ति मनः शिवे,
श्री हिंगुलाय नमः स्वाहा ॥प्रचंड दंड बाहु चंड योग निद्रा भैरवी,
भुजंग केश कुण्डलाय कंठला मनोहरी।
निकंद काम क्रोध दैत्य असुर कल मर्दनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।1रक्त सिंह आसनी, सावधान शंकरी,
कुठार खडग खप्र धार कर दलन महेश्वरी।
निशुम्भ शुम्भ रक्तबीज दैत्य तेज भंजनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।2जवाहर रत्न बेल केल सर्व कर्म लोलनी,
व्याल भाल चन्द्रकेतु पुष्प माल मेखली।
चंड मुंड गर्जनी सुनाद विन्ध्यवासिनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।3गजेन्द्र चाल काल धूमकेतु चाल लोचनी,
उदार नेत्र तिमिर नाश सुशोभ शेष शांकरी।
अनादि सिद्ध साध लोक सप्तद्वीप विराजनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।4शैल शिखर राजनी जोग जुगत कारिणी,
चंड मुंड चूर कर सहस्त्र भुजा धारिणी।
कराल केश भूत भेष अनन्त रूप दायिनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।5कलोल लोल लोचनी आनन्द कंद दायिनी,
हृदय कपाट खोलनी सुशेष शब्द भाषिणी।
धर्म; कर्म जन्म जात भक्ति मुक्ति दायिनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।6अलोक लोक राजनी दिव्य देव वर दायिनी,
त्रिलिक शोक हारिणी सत्य वाक्य बोलनी।
आदि अन्त मध्य मात तेरो रूप सर्जनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।7कुबेर वरुण इन्द्रादि सिद्ध साध रंचनी,
अगम्य पंथ दर्श मात जन्म कष्ट हारिणी।
दास तुम्हारे शरण मात अमर पद दायिनी,
नमोस्तु मात हिंगलाज निर्मला निरंजनी।।8